Category Archives: विज्ञान
पेड़
मुर्गे के पंख से ईंधन
अमेरीका में भारतीय मूल के प्रोफ़ेसर मनोरंजन मनो मिश्रा मुर्गे के पंख और कॊफी से ईंधन बना कर सुर्खियों में है! उन्हे इस काम के लिये सम्मानित भी किया गया है! श्री मिश्रा को नेवादा सिस्टम आफ हायर एजुकेशन बोर्ड ने वर्श 2010 की रिजेंट्स रिसर्चर उपाधि से सम्मानित किय है! वे नेवादा विश्वविद्यालय के रेनो रिन्युअल एनर्जी सेंटर के निदेशक है! श्री मिश्रा 1998 से संकाय के सदस्य है! वे अब तक पेटेंट के 10 शोधपत्र प्रकाशित कर चुके है! अभी 12 शोधपत्र प्रकाशित करेगे! श्री मिश्रा सौर हाइड्रोजन हाइड्रोजन भंडारण और सेंसर प्रोद्योगिकी में मह्त्वपूर्ण काम कर चुके है!उन्होने पेयजल से आर्सेनिक अवयव को हटा कर प्रसिद्दी पाई है! श्री मिश्रा शोध क्षेत्र में अनेक महत्व पूर्ण कार्य कर रहें है !
हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट
राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान हमीरपुर हिमचल प्रदेश के विद्यार्थियों ने हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट तैयार किया है! इससे बिजली उत्पन्न की जा सकेगी! संस्थान के तीसरे वर्ष के विद्यार्थी श्याम कुमार सिंह ने अपने सह्पाठियों हिंमाशु, शिप्रा, नवीन, दीपक और भानु के साथ यह प्रोजेकट बनाया है! इसमें पानी ना होने की स्थिति में हाथ से घुमा कर बिजली बनाई जा सकेगी! यह प्रोटोटाईप प्रोजेक्ट है! इससे एक घर की विद्युत आपुर्ति सक्षम हो सकेगी! 16
पोल जेनरेटर का प्रयोग करते हुए एकल फेस एसी करंट आसानी से तैयार किया जा सकता है! 64 चुम्बकों क प्रयोग पोल के रुप में किया गया है! क्वायल में 200 फेरे तांबे की तार के लगाये गये है जिससे 5 बल्ब जलाये जा सकते है! इन विद्यर्थियों ने इस प्रोजेक्ट को दो सप्ताह में तैयार किया है! फिलहाल इसे हमीरपुर स्थित राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान के परिसर में प्रदर्शित किया गय है जहां ये बिजली उत्पन्न करके भी दिखा रहे है! संस्थान के इन विद्यार्थियों को बधाई !
ब्लोग्स
इन्टरनेट
आज सुचना तन्त्र में इतना विकास हो गया है की मनुष्य इन्टरनेट के माध्यम से समीप आ गया है ! अंग्रेजी के अलावा देश की दूसरी भाषाओँ में भी अपने विचार व्यक्त किये जा सकतें है ! आवश्यकता है इमानदारी से प्रयास करने की ! इन्टरनेट के माध्यम से अपने बोधिक स्तर में भी विकास किया जा सकता है ! हिंदी ब्लोग्स में इतना कार्य हो रहा है की वो सब जानकारी हमारी अभिरुचि को निखार सकती है ! जब इतना सब है तो क्या हम हिंदी के उत्थान के लिए दो कदम आगे नहीं बड़ा सकते ?