मन Leave a reply मन सभी प्रवृतियों का अगुआ है । यदि कोई दूषित मन से कटु वचन बोलता है दूषित कर्म करने को तत्पर रहता है तो दुख भी उसका अनुसरण करने लगता है। — धम्मपद Share this:TwitterFacebookLike this:पसंद करें लोड हो रहा है... Related