सत्य और सत्य 1 Reply सत्य को ग्रहण करने और असत्य को छोड़ने में सर्वदा उद्यत रहना चाहिए। — स्वामी दयानंद सरस्वती Share this:TwitterFacebookLike this:पसंद करें लोड हो रहा है... Related
Rakesh Kumar जुलाई 24, 2011 को 10:42 अपराह्न मानसी जी आपने सुन्दर सारगर्भित वचन प्रस्तुत किये हैं. मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है. पसंद करेंपसंद करें प्रतिक्रिया ↓
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