लोक व्यवहार Leave a reply समूचे लोक व्यवहार की स्तिथि बिना नीतिशास्त्र के उसी प्रकार नहीं हो सकती जिस प्रकार भोजन के बिना प्राणियों के शरीर की स्तिथि नहीं रह सकती ! शुक्र नीति Share this:TwitterFacebookLike this:पसंद करें लोड हो रहा है... Related