आनन्द 1 Reply विश्व में हमारा आनन्द इस बात पर निर्भर है कि हम औरों के हृदय में कितना प्रेम संचारित कर सकते हैं। —डचैस डि प्रैसलियर Share this:TwitterFacebookLike this:पसंद करें लोड हो रहा है... Related
Rakesh Kumar अप्रैल 23, 2011 को 10:01 अपराह्न आनंद और प्रेम का संचार जब तक खुद हमारे ह्रदय में ही नहीं होगा तब तक ओरों के ह्रदय में कैसे संचार कर पायेंगें. पसंद करेंपसंद करें प्रतिक्रिया ↓
आनंद और प्रेम का संचार जब तक खुद हमारे ह्रदय में ही नहीं होगा तब तक ओरों के ह्रदय में कैसे संचार कर पायेंगें.
पसंद करेंपसंद करें