विश्व में हमारा आनन्द इस बात पर निर्भर है कि हम औरों के हृदय में कितना प्रेम संचारित कर सकते हैं। —डचैस डि प्रैसलियर
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About रौशन जसवाल विक्षिप्त
अपने बारे में कुछ भी खास नहीं है बस आम और साधारण ही है! साहित्य में रुचि है! पढ लेता हूं कभी कभार लिख लेता हूं ! कभी प्रकाशनार्थ भेज भी देता हूं! वैसे 1986से यदाकदा प्रकाशित हो रहा हूं! छिट पुट संकलित और पुरुस्कृत भी हुआ हूं! आकाशवाणी शिमला और दूरदर्शन शिमला से नैमितिक सम्बंध रहा है!
सम्प्रति : अध्यापन
यह प्रविष्टि
डचैस डि प्रैसलियर,
quotation में पोस्ट की गई थी। बुकमार्क करें
पर्मालिंक।
आनंद और प्रेम का संचार जब तक खुद हमारे ह्रदय में ही नहीं होगा तब तक ओरों के ह्रदय में कैसे संचार कर पायेंगें.
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