ठोडा

ठोडा हिमाचल  प्रदेश के कुछ जिलों में विशेष अवसरों पर खेला जाने वाला संगीतमय खेल है ! तीर कमान के प्रदर्शन के  इस खेल को महाभारत काल से जोड़ कर भी देखा जाता है ! माना जाता है की ठौड़ा की उत्पति महाभारत काल में हुई थी! इसे पांडवों और कोरवों के मध्य हुए युद्ध के रूप में देखा जाता है ! ठौड़ा दल में दो दल होते है जिन्हें पाषंड   और शाठंड  कहा जाता है ! पाषंड को पांडव और शाठंड को कोंरव का रूप माना जाता है! प्रदेश के गाँव में होने वाले मेलों में ठौड़ा दलों को प्रदर्शन के लिए बुलाया जाता है ! दल एक विशेष प्रकार की सफ़ेद पोशाक पहनता है ! हिमाचल प्रदेश के उपरी इलाको ठियोग और चोपाल क्षेत्रो तथा सिरमौर के राजगड क्षेत्र में मेलों के अवसर पर ठौड़ा खेल का आयोजन किया जाता है ! ठौड़ा को ये दल अपने स्तर पर ही जिन्दा रखे हुए है जो सराहनीय है !
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About रौशन जसवाल विक्षिप्‍त

अपने बारे में कुछ भी खास नहीं है बस आम और साधारण ही है! साहित्य में रुचि है! पढ लेता हूं कभी कभार लिख लेता हूं ! कभी प्रकाशनार्थ भेज भी देता हूं! वैसे 1986से यदाकदा प्रकाशित हो रहा हूं! छिट पुट संकलित और पुरुस्कृत भी हुआ हूं! आकाशवाणी शिमला और दूरदर्शन शिमला से नैमितिक सम्बंध रहा है! सम्‍प्रति : अध्‍यापन
यह प्रविष्टि धर्म आस्‍था में पोस्ट की गई थी। बुकमार्क करें पर्मालिंक

6 Responses to ठोडा

  1. Amitraghat कहते हैं:

    “अच्छी जानकारी और भी इंतज़ार रहेगा….”
    प्रणव सक्सैना amitraghat.blogspot.com

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  2. Kajal Kumar कहते हैं:

    आह ! आपने कुछ चित्र भी लगाए होते तो जानकारी में 4 चांद लग जाते.

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  3. bahut hi badhiyaa likhaa hain aapne, mujhe pasand aayaa.
    lekin, photo ki kami mehsoos ho rahi hain.
    thanks.
    http://www.chanderksoni.blogspot.com

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  4. aarkay कहते हैं:

    रौशन जी , आपने बहुत रोचक जानकारी दी है . सोलन का एक ग्राउंड तो ” ठोडो ग्राउंड ” के नाम से ही प्रसिद्ध है .

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  5. अनूप सेठी कहते हैं:

    रोशन जी, अब ठोडा कब और कहां कहां होता है, यह जानकारी मिले तो अव्‍छा रहे.

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