कृष्णा से दर्शाना तक का सफ़र

एक टेलीविजन चेनल पर चल रहा कार्यक्रम सच का सामना वास्तव में अपने आन्तरिक मूल्याकन  का माध्यम हो सकता है ! परन्तु   सच का सामना करना मुश्किल तो होता ही है ! सच वास्तव
में कड़वा होता है ! मैं ये पोस्ट ना लिखता अगर पिछले कल डी डी न्यूज़ पर रात्रि में एक कार्यक्रम न देखा होता यूँ भी कार्यक्रम सच का सामना को देख कर मात्र एक करोड़ जीतने का लालच मात्र ही है ! इस कार्यक्रम में यौन संबंधों पर ही ९० प्रतिशत प्रशन होते है !
बात यह नहीं है की  मैं सच का सामना के कारण लिख रहा हूँ अपितु मैं यह पोस्ट डी डी न्यूज़ पर प्रसारित कार्यक्रम को देख कर ही लिख रहा हूँ  जिसमे दिल्ली के एक कला महाविध्याला की मॉडल कृष्णा की कहानी  कृष्णा से दर्शाना तक का सफ़र के रूप में दिखाई गई ! सच को जिस खुबसूरत ढंग से कृषना ने स्वीकार और अपनी वेदना बताई वो उसकी मज़बूरी साफ साफ बताती थी ! 
वेसे दूर दर्शन पर इस तरह के प्रोग्रेम आते नहीं है परन्तु जिस सुन्दरता से प्रस्तुति की गई वो सराहनीय था ! कृष्णा से दर्शाना तक का सफ़र में कृष्णा ने जिस तरह सच स्वीकार किया वो भी सराहनीय था उसने सच स्वीकार किया बिना किसी लालच के !
डी डी न्यूज़ को इस तरह का कार्यक्रम प्रसारित करने के लिए साधुवाद !

About रौशन जसवाल विक्षिप्‍त

अपने बारे में कुछ भी खास नहीं है बस आम और साधारण ही है! साहित्य में रुचि है! पढ लेता हूं कभी कभार लिख लेता हूं ! कभी प्रकाशनार्थ भेज भी देता हूं! वैसे 1986से यदाकदा प्रकाशित हो रहा हूं! छिट पुट संकलित और पुरुस्कृत भी हुआ हूं! आकाशवाणी शिमला और दूरदर्शन शिमला से नैमितिक सम्बंध रहा है! सम्‍प्रति : अध्‍यापन
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