हिमाचल प्रदेश का मलाणा गाँव एक बार फिर चर्चा में है ! कुल्लू जिला में 8600 फ़ुट की ऊंचाई पर स्थित इस गाँव को अब विश्व विजेता सिकंदर के साथ जोड़ा जा रहा है ! इससे पूर्व मलाणा गाँव दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के रूप में सामने आया था जहाँ उनका अपना ही कानून है ! देव संसद के निर्देश में ही सरे निर्णय किये जाते है और इस संसद में पॉँच सदस्य होते है जिनमें तीन साथी और शेष का चयन किया जाता है ! मलाणा गाँव की यह परम्परा सदियों से चली आ रही है जिसे मलाणा के लोग बखूबी निभा रहे है !
पिछले दिनों टीवी चेनलों और समाचार पत्रों में मलाणा में सिकंदर के वंशजों की खोज के समाचार चर्चा के विषय रहे ! स्वीडन ने मलाणा में सिकंदर की वंशावली को जानने के लिए एक परियोजना हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के जन जातीय अध्ययन विभाग को दिया है ! 356 –323 ईसा पूर्व विश्व विजयी बनाने निकला सिकंदर का मलाणा से क्या रिश्ता रहा होगा यह अब शोध का विषय बन गया है ! 326 ईसा पूर्व व्यास नदी के तट पर पोरस को हरा कर सिकंदर आगे बढ़ गया था ! पोरस को तो सिकंदर को उसका राज्य लोटा दिया था परन्तु साथ ही कई विद्वान् और ब्राहमणों को अपने साथ ले गया था ! वेसे देखा जाये तो मलाणा की स्थानीय बोली काफी अलग है ! बोली में कई शब्द यूरोपीय भाषा में आज भी प्रयुक्त होते है ! स्वीडन की उपासला विश्वविद्यालय की इस परियोजना में इसे प्रचलित लगभग 600 शब्दों की सूचि तैयार की गई है जो मलाणा के लोगों और सिकंदर के वंशजों के संबंधों के बारे में पता लगाने में सहायक होगी ! मत्वपूर्ण है की मलाणा में प्रयुक्त होने वाली बोली हिमाचल प्रदेश के किसी अन्य क्षेत्र में नहीं बोली जाती ! शोध का करण है की यहाँ के लोगों के चेहरे आँखों बालों आदि की बनावट के साथ कई समानताएं सिकंदर के वंशजों से मिलती है !
खैर….. मलाणा गाँव अपनी अलग परम्परों के कारण तो आकर्षण का विषय था ही अब मलाणा के लोगो का सिकंदर के वंशजों से सम्बन्ध शोध का विषय बन गया है !
Rochak baat batayi hai. Shukriya.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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इस गांव की इतनी रोचक जानकारी देने के लिए आभार.. हैपी ब्लॉगिंग
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good one…………
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